जानें Liver Disease में कैसे करें इस हर्ब का सेवन?
Health Tips: आजकल लिवर की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। भारत में यह एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभरी है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारी बदलती हुई जीवनशैली, खान-पान की गलत आदतें और शारीरिक गतिविधि की कमी है। लिवर, भोजन को पचाने, शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और प्रोटीन बनाने जैसे कई जरूरी काम करता है। लेकिन जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता, तो शरीर में कई तरह की समस्याएँ होने लगती हैं।
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ऐसे में लिवर को डिटॉक्स करने के लिए आजकल लोग ऑन लाइन मंहगे-महंगे सप्लीमेंट्स खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल कर आप लिवर को डिटॉक्स कर सकते हैं। जैसे- मिल्क थिसल का इस्तेमाल ज़्यादातार लिवर वाले सप्लीमेंट्स में होता है। लेकिन आप महंगे सप्लीमेंट्स खरीदने की बजाय इसकी पत्तियों से लिवर को डिटॉक्स कर सकते है
Health Tips: लिवर के लिए मिल्क थिसल करता है कैसे काम?
मिल्क थिसल को सिलीमारिन के नाम से जाना जाता है जिसका इस्तेमाल सदियों से लिवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इस पौधे में सिलीमारिन नामक एक्टिव तत्व होता है जो इसके बीजों से निकाला जाता है। माना जाता है कि सिलीमारिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लिवर संबंधी समस्याओं में मदद करते हैं।
मिल्क थिसल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह लिवर की कोशिकाओं को विषैले पदार्थों से बचाता है। जब लिवर को शराब या अन्य हानिकारक पदार्थों से नुकसान पहुँचता है, तो मिल्क थिसल उन कोशिकाओं की रक्षा करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से लिवर की रक्षा करता है। कुछ शोधों से पता चलता है कि यह लिवर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
लिवर रोग में मिल्क थिसल का सेवन कैसे करें?
मिल्क थिसल की पत्तियों या बीजों से चाय बनाई जा सकती है। मिल्क थिसल की पत्तियों या बीजों को गर्म पानी में डालकर कुछ देर तक उबलने दें, फिर छानकर पी लें। यह कैफीन-मुक्त होती है, इसलिए इसे दिन में कभी भी पिया जा सकता है।
NEWS SOURCE Credit: indiatv




