एक साथ आ सकते हैं राज-उद्धव! मेरी तरफ से झगड़ा नहीं: उद्धव
Raj-Uddhav: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने शनिवार को इस बात का संकेत दिया। राज ठाकरे ने कहा- हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन यह सब महाराष्ट्र के आगे बहुत छोटी चीज हैं। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित के लिए साथ आना कोई बहुत बड़ी मुश्किल नहीं है।
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राज ने शिवसेना में उद्धव को उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद 27 नवंबर 2005 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नव निर्माण सेना’ बनाई थी। तब दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे।
राज ठाकरे ने अभिनेता और निर्देशक महेश मांजरेकर के यू-ट्यूब चैनल पर यह बातें कहीं। महेश मांजरेकर ने राज से उद्धव के साथ गठबंधन पर सवाल किया था। इस पर राज ठाकरे ने कहा कि किसी बड़े मकसद के आगे हमारे बीच की लड़ाइयां छोटी हैं। इधर उद्धव का भी रिएक्शन आया है, उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से कभी कोई झगड़ा नहीं था।
यह निजी स्वार्थ का मामला नहीं
राज ठाकरे ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि एक साथ आना और एक साथ रहना कोई बहुत कठिन बात है। सवाल केवल इच्छाशक्ति का है। यह मेरी निजी इच्छा या स्वार्थ का मामला नहीं है। मेरा मानना है कि हमें महाराष्ट्र की बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए। मेरा मानना है कि महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के मराठी लोगों को एक साथ आकर एक पार्टी बनानी चाहिए।”
Raj-Uddhav: किसी और के अधीन काम नहीं करूंगा
एकनाथ शिंदे के सत्ता में आने और एतराज की बात पर राज ने कहा, “पहली बात तो यह कि शिंदे का जाना या विधायकों का टूटना राजनीति का अलग हिस्सा बन गया। जब मैंने शिवसेना छोड़ी तो कई विधायक और सांसद मेरे पास आए, लेकिन मेरे मन में एक ही बात थी कि अगर बालासाहेब को छोड़ दूंगा तो किसी और के अधीन काम नहीं करूंगा। उस समय यही स्थिति थी।”
उद्धव के साथ काम करने में आपत्ति नहीं थी
उन्होंने कहा, “जब मैं शिवसेना में था तो मुझे उद्धव के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं थी। सवाल यह है कि क्या दूसरा व्यक्ति चाहता है कि मैं उसके साथ काम करूं? मैं कभी भी अपने अहंकार को ऐसी छोटी-छोटी बातों में नहीं लाता।”
राजनीति में क्या हो जाए, कह नहीं सकते
महेश मांजरेकर ने भाजपा के साथ जाने पर सवाल किया तो राज ठाकरे ने कहा, “मैं महाराष्ट्र के बारे में या मराठी लोगों के लिए जो कुछ भी कह सकता हूं या कर सकता हूं, मैं करूंगा। मेरा भाजपा के साथ आना राजनीतिक होगा, लेकिन मेरी सोच उनकी सोच से मेल नहीं खाती। हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। राजनीति में सब कुछ बदल जाता है। यहां सब कुछ इतनी तेजी से हो रहा है कि आप नहीं बता सकते कि कब क्या हो जाएगा।”