राजा अपना काम करेगा; राजा का कर्तव्य लोगों की रक्षा करना- मोहन भागवत
RSS Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को एक बार फिर पहलगाम हमले पर बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, ‘अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी कर लो, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो उनका क्या करें।’
उन्होंने कहा, ‘राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।’ भागवत ने यह बात नई दिल्ली में पीएम संग्रहालय में स्वामी विज्ञानंद की पुस्तक ‘हिंदू मेनिफेस्टो’ के विमोचन के दौरान कही। इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया।
यह लंबी स्टडी के बाद बनी है- किताब के बारे में बोले भागवत
भागवत ने कहा- यह किताब ‘हिंदू मेनिफेस्टो‘ चर्चा के लिए है, आम सहमति बनाने के लिए है। यह एक प्रस्ताव है, इसे बहुत स्टडी के बाद बनाया गया है। इसमें बताया है कि आज आम सहमति की जरूरत है, क्योंकि दुनिया को एक नया रास्ता चाहिए। दुनिया दो रास्तों के बारे में सोचती है, उन्होंने दोनों रास्तों पर कदम रखा और तीसरा रास्ता चाहिए था, जो भारत के पास है। दुनिया को रास्ता दिखाना भारत की जिम्मेदारी है। यह परंपरा के रूप में भारत के पास है।
RSS Mohan Bhagwat: भागवत के बयान की बड़ी बातें…
1. दुनिया को हमें बहुत सिखाना है और हमारे पास बहुत है। हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है। उन्हें अहिंसक बनाने के लिए है। कुछ लोग तो बन गए, लेकिन कुछ नहीं बने। वे इतने बिगड़े हैं कि कुछ भी करो वे नहीं बदलेंगे। बल्कि दुनिया में और उपद्रव करेंगे।
2. मैंने रावण का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि हम तो किसी के दुश्मन नहीं, द्वेष हमारा स्वभाव नहीं है। रावण का वध भी उसके कल्याण के लिए हुआ था। उसके पास अच्छा आदमी बनने के लिए जो जरूरी होता है वह सब था।
3. उसने जिस शरीर और मन-बुद्धि को स्वीकार किया, उसने अच्छाई को उसके अंदर जाने नहीं दिया। उसको अच्छा बनाने का एक ही उपाय है कि उस शरीर को समाप्त किया जाए। इसलिए भगवान ने उसका संहार किया।
4. हमारे यहां देखा जाता है कि शत्रु अच्छा है या बुरा, यह देखा जाता है। इसे बैलेंस किया जाता है। इसलिए गीता में अहिंसा का उपदेश है, ताकि अर्जुन लड़े और मारे क्योंकि उस समय ऐसे लोग सामने थे कि उनका कोई और इलाज नहीं था।