5 आतंकी 26 टूरिस्ट का कत्ल कर कहां हुए गायब; क्या इसमें लोकल सपोर्ट भी शामिल

Pahalgam attack: मशहूर टूरिस्ट स्पॉट बैसरन घाटी में टूरिस्ट फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे, एडवेंचर एक्टिविटी कर रहे थे। तभी गोलियां चलने लगीं। फायरिंग वाली जगह से दूर टूरिस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा। वे अपनी मस्ती में डूबे थे। थोड़ी देर में ही उन्हें भी समझ आ गया कि हमला हुआ है। जंगल की तरफ से आए आतंकियों ने गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। 10 से 15 मिनट में 26 लोगों को मार दिया। फिर वापस जंगल में गायब हो गए। उनका अब तक पता नहीं चला।
आतंकियों ने हमले के लिए बैरसन घाटी को क्यों चुना, वहां कैसे पहुंचे, इसकी छानबीन करते हुए दैनिक भास्कर की टीम पहलगाम पहुंची। ग्राउंड जीरो की इन्वेस्टिगेशन के अलावा हमने डिफेंस एक्सपर्ट्स, सिक्योरिटी फोर्स के सोर्सेज और चश्मदीदों से बात की।
छानबीन से समझ आया कि पहले फायरिंग जंगल की ओर से ही शुरू हुई। इसलिए वहां मौजूद टूरिस्ट सबसे पहले आतंकियों का निशाना बने। जंगल से गुजरने वाला ये रास्ता पहाड़ों से होते हुए त्राल और किश्तवाड़ से कनेक्ट होता है। ये दोनों जिले आतंकवाद का गढ़ रहे हैं। आतंकी त्राल के जंगलों से आए थे। पहलगाम से त्राल का सड़क से रास्ता करीब 55 किमी है, लेकिन जंगल के रास्ते ये दूरी करीब 20 किमी रह जाती है। आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया।
फिलहाल पहलगाम (Pahalgam attack) के रास्ते खाली हैं। कहीं भी टूरिस्ट नहीं हैं। मार्केट में दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट सब बंद हैं। खाली रास्तों से गुजरते हुए हम बैसरन घाटी पहुंचे। एंट्री पॉइंट पर कुछ घोड़े वाले खड़े मिले, लेकिन कुछ देर बाद वे भी चले गए।